आज से 10 वर्ष पूर्व मैं एवं मेरी प्रजाति बहुत मात्रा में होती थी लेकिन धीरे-धीरे हनुमंत के दूतों द्वारा मेरा अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर है !
मुझे वर्तमान परिस्थितियों में बचाने की बहुत कोशिश की जाती है परंतु जैसे ही मेरे फल अपनी अवस्था के मध्य आयु में पहुंचते हैं वैसे ही बजरंगबली की सेना द्वारा मुझे समाप्त कर दिया जाता है जिस पर मेरा मालिकाना हक होता है वह बड़ी मुश्किल से मुझे मेरी आयु तक पहुंचाने में कुछ हद तक सफल होता है !
जब मैं पककर खाने योग्य हो जाता हूं तब मुझे पहाड़ों से शहरों तक भी पहुंचाया जाता है जैसे-जैसे में पहाड़ से नीचे उतरता जाता हूं वैसे ही मेरी कीमत भी बढ़ती जाती है मैं भी बस के धक्के खा कर बड़ी मुश्किल से अपने आप को बचाते हुए शहर पहुंचता हूं और यहां पर अपने स्वाद एवं अपने गुणों से लोगों का दिल जीत लेता हूं !
यदि मुझे बचाने में एवं मेरी पैदावार को बढ़ाने में थोड़ा बहुत और ध्यान दिया जाए तो मैं आप सभी के लिए कारगर सिद्ध रहूंगा ! ⁹
Pushpa Joshi
Dehradun
7.1.2023
22:24
यही यतार्थता है आज पहाड़ की ।
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