आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से माना जाता है, इस दिन से चातुर्मास भी प्रारंभ हो जाता है !
धार्मिक मान्यताओं एवं शास्त्रों के अनुसार श्री हरि विष्णु शिरसागर में विश्राम हेतु चले जाते हैं एवं धरती पर विष्णु भगवान की पूजा तुलसी जी के साथ करने का विधान है !
इसीलिए आज के दिन औषधीय पौधा (तुलसी पौधे ) का रोपण किया जाता है ! पर्यावरण की दृष्टि से देखें तो चातुर्मास प्रारंभ होते ही धरती मां का श्रृंगार वृक्षारोपण कर किया जाता है इसीलिए प्रथम रूप से तुलसी पौधे का रोपण किया जाना शास्त्रों में वर्णित है !
जिसका कारण चातुर्मास में कई प्रकार की विषाणु जनित बीमारियां फैलती है तुलसी पत्तियां ग्रहण करने से विषाणु जनित बीमारियों का नाश होता है इसीलिए धार्मिक मान्यताओं के पीछे कहीं ना कहीं विज्ञान छिपा हुआ है !
विचारक
पुष्पा जोशी
22.20pm
10.7.2022
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