आज से 10 से 15 वर्ष पूर्व मैं घर के किसी कोने में पड़ा रहता था मुझे कोई पूछता ही नहीं था ,मेरा कोई मूल्य नहीं था, लोग अपने पशुओं के लिए आहार हेतु मेरा उपयोग किया करते थे, मैं सिर्फ गरीबों के भोजन का हिस्सा था !
जिनके पास थोड़ा बहुत पैसा होता था वह मुझे देखना भी पसंद नहीं करते थे क्योंकि मैं काला या मटमैला सा हूं मेरा कोई मूल्य नहीं था, लोग आपस में ही मेरा आदान- प्रदान कर लेते थे मैं बिना मूल्य के था !
हालांकि मेरी पैदावार अच्छी होने के बावजूद भी कई वर्षों तक घर के कोने में पड़ा रहता था परंतु वर्तमान में...😎
पिछले 10 वर्षों में मेरी तो कायाकल्प हो गई मेरी मांग बढ़ने लगी मेरे गुणों पर शोध होने लगा है, बड़ी-बड़ी किताबें लिखी गई और पौष्टिक आहार के रूप में चर्चित होने लगा ! अब मैं नीचे से ऊपर की ओर बढ़ने लगा हूं अब मैं भी सामर्थ्यवान लोगों के भोजन का हिस्सा बनने लगा हूं , मेरा भी मूल्य बढ़ने लगा है ,जहां भी पैदा हो रहा हूं उसके स्वामी को को अच्छा लाभ दे रहा हूं मेरा सम्मान होने लगा है, मुझे खरीदने के लिए क्रेता द्वारा अग्रिम बुकिंग की जाने लगी है !
सरकार का भी भरसक प्रयास हो रहा है कि मैं बच्चों और गर्भवती महिला के भोजन का हिस्सा बनू क्योंकि मुझ में सभी तरह के पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो इन दोनों के लिए आवश्यक हैं !
शोधार्थियों ने मुझ पर कृपा की और मेरा भाग्य बदल गया , अब मैं देश ही नहीं विदेशों की भी सैर करता हूं मेरा अच्छा मूल्य मिलने लगा है यहां तक की अब मेरे नाम के अंतरराष्ट्रीय मेले भी लगने लगे हैं जहां पर सिर्फ मेरी ही चर्चा एवं बातें होती हैं कि मेरी पैदावार को कैसे बढ़ाया जाए ताकि मुझे आमजन के भोजन में शामिल किया जा सके !
इस बीच मुझे अंतरराष्ट्रीय मेले में जाने का अवसर प्राप्त हुआ वहां पर एक सज्जन द्वारा कहा गया कि वह 6 माह सर्दियों में भोजन के रूप में मेरी ही रोटी बनाकर खाते हैं जिससे उनकी मधुमेह की बीमारी ठीक हुई है और शरीर में उनको उर्जा का अनुभव भी होने लगा है !
उस दिन मेरी प्रसन्नता का ठिकाना नहीं था मुझे लगा मैं तो भाग्यवान हूं इतने लोग मुझ में रुचि लेने लगे हैं और जहां भी देखो मेरी ही चर्चा हो रही है अब मैं बताना चाहूंगा कि मैं कौन हूं ........
मैं हूं मंडुवा /कोदो /रागी एवं फिंगर मिलेट😊🤗🤗
मेरी यात्रा👇
विचारक ..
पुष्पा जोशी
देहरादून, उत्तराखंड
अति सुंदर और ज्ञानवर्धक लेख
ReplyDeleteदेशी घी और गुड़ के साथ मडुवे की रोटी का स्वाद 56भोग से कही बेहतर
ReplyDeleteGood👍
ReplyDeleteBoht acchi jankari pirapt hui.Dhanybad
ReplyDeleteबहुत ही शानदार लेख पुष्पा जी। कोदे के ऊपर बहुत ही रोचक अंदाज में जानकारी।
ReplyDeleteअति सुंदर व रोचक ढंग से पेश की गई जानकारी।
ReplyDeleteहर बार की तरह सुंदर प्रस्तुति
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